"जो अपने अन्दरूनी हालात को दुरूस्त रखता है ख़ुदा उसके ज़ाहिर को भी दुरूस्त कर देता है और जो दीन के लिये सरगर्मे अमल होता है अल्लाह उसके दुनिया के कामों को पूरा कर देता है और जो अपने और अल्लाह के दरम्यान ख़ुश मआमलेगी रखता है ख़ुदा उसके और बन्दों के दरम्यान के मामलात ठीक कर देता है।"
"किसी बन्दे के लिये मुनासिब नहीं है के वह दो चीज़ों पर भरोसा करे। एक सेहत और दूसरे दौलत। क्योंके अभी तुम किसी को तन्दरूस्त देख रहे थे, के वह देखते ही देखते बीमार पड़ जाता है और अभी तुम उसे दौलतमन्द देख रहे थे के फ़क़ीर व नादार हो जाता है। "
"रिज़्क़ दो तरह का होता है- एक वह जो ढूंढता है और एक वह जिसे ढूंढा जाता है। चुनांचे जो दुनिया का तलबगार होता है, मौत उसको ढूंढती है यहां तक के दुनिया से उसे निकाल बाहर करती है और जो ‘ाख़्स आख़ेरत का ख़्वास्तगार होता है दुनिया ख़ुद उसे तलाश करती है यहां तक के वह उसके तमाम व कमाल अपनी रोज़ी हासिल कर लेता है।"
"किसी बन्दे के लिये मुनासिब नहीं है के वह दो चीज़ों पर भरोसा करे। एक सेहत और दूसरे दौलत। क्योंके अभी तुम किसी को तन्दरूस्त देख रहे थे, के वह देखते ही देखते बीमार पड़ जाता है और अभी तुम उसे दौलतमन्द देख रहे थे के फ़क़ीर व नादार हो जाता है। "
"रिज़्क़ दो तरह का होता है- एक वह जो ढूंढता है और एक वह जिसे ढूंढा जाता है। चुनांचे जो दुनिया का तलबगार होता है, मौत उसको ढूंढती है यहां तक के दुनिया से उसे निकाल बाहर करती है और जो ‘ाख़्स आख़ेरत का ख़्वास्तगार होता है दुनिया ख़ुद उसे तलाश करती है यहां तक के वह उसके तमाम व कमाल अपनी रोज़ी हासिल कर लेता है।"